
विश्व गीता संस्थान
ज्ञान और धर्म का दिव्य मार्ग

आध्यात्मिक मार्गदर्शन
प्रभु के मार्ग पर चलें और गीता के ज्ञान से अपने जीवन को रोशन करें।
गीता शिक्षा
श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन करें और जीवन के सही मार्ग को समझें।
समाज सेवा
धर्म और मानवता की सेवा में संलग्न होकर एक सशक्त समाज का निर्माण करें।
विश्व गीता संसथान
ॐ
जय श्री कृष्ण
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् |
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥
वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः
विश्व गीता संस्थान का मुख्य उद्देश्य भगवद गीता के गहरे और शाश्वत ज्ञान को दुनिया भर में फैलाना है। यह संस्थान गीता के संदेशों को समाज में जागरूकता और समझ बढ़ाने के लिए कार्यशालाओं, सेमिनारों और कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता है। गीता का ज्ञान केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक शाश्वत कला के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जो व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने और आंतरिक शांति प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। इसके द्वारा गीता के गहरे तत्वों को समझकर लोग अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
आज के समय में, जब लोगों को मानसिक तनाव और उलझनों का सामना करना पड़ता है, गीता का शाश्वत ज्ञान हमें सही दृष्टिकोण और आत्म-विश्वास प्रदान करता है। गीता के शिक्षाएँ हमें यह सिखाती हैं कि कर्म, भक्ति, योग और सही दिशा में कार्य करने से जीवन में संतुलन और शांति प्राप्त की जा सकती है। विष्व गीता संस्थान के कार्यक्रम और गतिविधियाँ समाज को गीता के इस शाश्वत ज्ञान से जोड़ने का कार्य करती हैं, जिससे लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने का अवसर मिलता है।
हमें इस संस्थान से जुड़ने की आवश्यकता है, क्योंकि गीता का ज्ञान न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन को सुधारने में मदद करता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी आवश्यक है। गीता का संदेश जीवन में नैतिकता, धर्म और संतुलन को स्थापित करता है। जब हम इस संस्थान के साथ जुड़कर गीता के ज्ञान को फैलाते हैं, तो हम न केवल अपना जीवन बेहतर बनाते हैं, बल्कि दूसरों को भी सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। इससे समाज में शांति, प्रेम और सद्भाव का माहौल उत्पन्न होता है।

विश्व गीता संसथान एक धार्मिक,सांस्कृतिक, सामाजिक एवं आध्संयामिक सेवा न्यास है जिसके संस्थापक आचार्य राधाकृष्णा मनोडी जी हैं।
श्री कृष्ण का संदेश
✅कर्मयोग: बिना फल की इच्छा के कर्म करें।
✅भक्ति: सच्ची भक्ति से कष्टों से मुक्ति मिलती है।
✅योग: आत्मा और परमात्मा के साथ एकता प्राप्त करें।
✅आत्म-ज्ञान: आत्मा की पहचान करें और सत्य जानें।
✅संतुलन: सफलता और विफलता में संतुलन बनाए रखें।
✅ईमानदारी: जीवन में सत्य और ईमानदारी से काम करें।
✅स्वधर्म: अपने धर्म के अनुसार कार्य करें।
✅सतत प्रयास: कभी हार न मानें, प्रयास करते रहें।
भगवान श्री कृष्ण को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए प्रार्थना करते हैं कि हम सभी सनातनियों में धर्म, कर्तव्य और न्याय की शक्ति का संचार हो, ताकि हम सदा समाज और राष्ट्र की रक्षा में अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
जय श्री कृष्ण। जय जय श्री कृष्ण।”
आध्यात्मिक ज्ञान की दृश्य यात्रा: विष्व गीता संस्थान
हमारी फोटो गैलरी में विष्व गीता संस्थान के कार्यक्रमों और शिक्षाओं के जीवंत क्षणों को देखें, जो भगवद गीता के ज्ञान को प्रकट करते हैं।
विश्व गीता संसथान टीम
Why Choose Us
आध्यात्मिक जागरूकता
भगवद गीता के गूढ़ ज्ञान को समझें और इसे अपने जीवन में अपनाकर आत्म-साक्षात्कार और आंतरिक शांति प्राप्त करें।
प्रामाणिक ज्ञान
विद्वानों और आचार्यों से सीखें, जो सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप को संरक्षित रखते हुए दिव्य ज्ञान का प्रचार करते हैं।
समाज सेवा और संगति
एक समर्पित समुदाय का हिस्सा बनें, जो धर्म, सेवा और भक्ति के माध्यम से समाज के उत्थान के लिए कार्य करता है।
























